Gareeb Voter Ka Adhikar
हम गरीबो को नौकरी चाहिए। हमारी पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी में चली आ रही है। हम वोट देते है और सोचते है कि नई सरकार हमारे बच्चों को नौकरी दे गी पर हम गलत थे सरकार हमेशा अपना भला ही देखती है। जब हम प्रतेक घर से वोट देने जाते है तो क्यों नहीं प्रतेक घर से कम से कम एक आदमी को सरकारी नौकरी नहीं मिलती। हम नहीं समझते की हम सब में कमी है। कमी तो सरकार बनाने व् चलाने वालों में है आज तक कि सभी सरकारों में खोट है। हम सब कब तक सरकार के बहकाओ में आते रहे गए। बिन रुपया पैसा के जिंदगी बेबस आत्मा की शरीर है। चाहे पढ़े लिखे हो चाहे अनपढ़ सब भारत वासी को सरकारी नौकरी करने व् पाने का अधिकार है। भारतीय संविधान किसी आदमी ने बनाया है। उस में सरकार अपने अधिकार को संरंछित करने के लिए संसोधन कर लेती है। तो क्यों आज का गरीब गरीब ही रहे। भारत के हर वोटर को अमीर बनने का हक़ है। यदि सरकार सभी को नौकरी नहीं देगी तो सभी नेताओं के यहाँ छीना झपटी व् चोरी हो गी. इतिहास गवाह है। राजा हमेसा चोर ही होता है। हमारे भारत के नेताओ जागो। अपनी सैलरी भत्ता छोड़ो। और सभी वोटर को सरकारी नौकरी दे दो। नहीं तो तुम्हे नरक में जाना निश्चित है। मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे व् धर्म में मत बाटो। तुम कैसे नेता हो जो गाड़ी में चलते हो। तुम्हारे सामने ही मैला कुचैला आदमी कुछ रूपये कमाने के लिए भटकता रहता है। मोदी, अरविन्द ,अखिलेश ,ममता , आडवाणी, हमें हमारा देश सेवा का मौका दे दो। क्यों कि समय बदल गया है। हम स्वतंत्र है हम आप के सत्ता में नहीं रहेंगे। आप का हम वहिष्कार कर देंगे। भारत देश का नाम ऊचा हो पर हम गरीबी में क्यों जिए और मरे। हमारा क्या कसूर है। हमारा जन्म भारत देश की भूम पर हुआ और जन्म से मिर्तु तक दो दो रूपये के लिए भटकते रहे। ये सोचना कि सभी वोटर को सरकारी नौकरी कैसे दे कितना सैलरी दे। ये सरकार का काम है। राज्य करमचारी , केंद्र कर्मचारी में सैलरी में अंतर क्यों है। काम बराबर तो सैलरी बराबर होना चाहिए।
अभी हरयाणा राज्य का चुनाव में राज नाथ ने बोला कि १० पास बेरोजगार को ६००० रुपई बेरोजगारी भत्ता व् ग्रेजुएट पास को ९००० रूपये महीने बेरोजगारी भत्ता देंगे। मैंने आर टी आई में पूछा तो लिखित जबाब आया की चुनाव जुमला था। कहीँ लिख के नहीं दिया था।
26/09/2016